डिजिटल क्रांति के इस दौर में जहां बैंकिंग, लेन-देन, शॉपिंग और अन्य कार्य ऑनलाइन होते जा रहे हैं, वहीं साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। आज हर व्यक्ति इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा रहा है, लेकिन इसके साथ ही साइबर ठगों का जाल भी फैला हुआ है। ये ठग नई-नई चालें अपनाकर लोगों से ठगी कर रहे हैं और किसी के भी साथ यह धोखा हो सकता है।
इस वर्ष मध्य प्रदेश में डिजिटल ठगी के मामलों में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। जानकारी के अनुसार, साइबर ठगों ने डिजिटल गिरफ्तारियों के नाम पर लोगों से 120 करोड़ रुपए से भी अधिक की ठगी की है। इस "डिजिटल गिरफ्तारी" में ठग पीड़ित को ऑनलाइन माध्यमों से भयभीत करते हैं और उन्हें अपने कब्जे में ले लेते हैं। ठग व्यक्ति के मोबाइल या लैपटॉप के माध्यम से उसकी निगरानी करते हैं और उसे अपने परिवार से भी संपर्क नहीं करने देते। वे पीड़ित को डराते हैं कि यदि उसने ठगों की मांगों का पालन नहीं किया तो उसे किसी अपराधिक गतिविधि में फंसा दिया जाएगा।
डिजिटल गिरफ्तारी जैसी कोई वास्तविक प्रक्रिया नहीं होती। यह सिर्फ साइबर ठगों द्वारा लोगों को डराने और धन ऐंठने का एक तरीका है। देश की कोई भी कानून-प्रवर्तन एजेंसी या पुलिस ऑनलाइन पूछताछ या गिरफ्तारी नहीं करती है। साइबर ठग इस झूठी प्रक्रिया का इस्तेमाल करके लोगों को फंसाते हैं और उन्हें आपराधिक परिणाम भुगतने का डर दिखाते हैं। इस प्रकार के मामलों में ठगों का मुख्य उद्देश्य होता है कि लोग घबराहट में आकर उनकी मांगों को मान लें और धन राशि का भुगतान करें।
ऑनलाइन ठगी से बचने के उपाय
ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए कुछ सरल लेकिन महत्वपूर्ण सावधानियाँ बरतनी आवश्यक हैं:
1. फिशिंग ईमेल और मैसेज से सावधान रहें: साइबर ठग अक्सर लोगों को बैंक, पुलिस या अन्य सरकारी एजेंसियों के नाम से ईमेल या मैसेज भेजते हैं। यदि आपको कोई संदिग्ध ईमेल या मैसेज मिलता है, तो उसे खोलने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें।
2. किसी अनजान व्यक्ति के फोन कॉल पर विश्वास न करें: कई बार ठग फोन करके खुद को पुलिस अधिकारी बताकर या अन्य सरकारी अधिकारी बनकर धमकी देते हैं। अगर आपको ऐसा कोई फोन आए, तो तुरंत उसकी रिपोर्ट स्थानीय पुलिस को करें।
3. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: ऑनलाइन माध्यम पर किसी भी अज्ञात व्यक्ति या वेबसाइट के साथ अपनी बैंक जानकारी, पासवर्ड, आधार नंबर, या अन्य संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
4. मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: अपने ऑनलाइन खातों की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड रखें और उन्हें नियमित रूप से बदलते रहें। अपने पासवर्ड को किसी से साझा न करें और प्रत्येक खाते के लिए अलग-अलग पासवर्ड का उपयोग करें।
5. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय सतर्क रहें: हमेशा सुरक्षित और भरोसेमंद वेबसाइट या ऐप का ही उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि वेबसाइट का URL 'https' से शुरू हो और उस पर ताला (पैडलॉक) का चिन्ह हो।
साइबर अपराध की शिकायत कैसे करें
यदि किसी व्यक्ति के साथ ऑनलाइन ठगी होती है, तो उसे तुरंत साइबर क्राइम सेल में रिपोर्ट करनी चाहिए। सरकार ने ऑनलाइन ठगी की शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन नंबर और पोर्टल की व्यवस्था की है। इस प्रकार के मामलों में विलंब नहीं करना चाहिए, क्योंकि समय पर की गई शिकायत से साइबर ठगों को पकड़ने में आसानी हो सकती है।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
डिजिटल युग में ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता आवश्यक है। किसी भी अज्ञात या संदेहास्पद ऑनलाइन गतिविधि में शामिल होने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें। किसी प्रकार की धमकी मिलने पर घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत पुलिस से संपर्क करें। सावधानी और सजगता से ही हम साइबर ठगी के शिकार होने से बच सकते हैं।