केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन की मांग मान ली है। लंबे समय से सरकारी कर्मचारी पेंशन देने की डिमांड कर रहे थे। सरकारी कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। देश में नई पेंशन योजना लागू करने का फैसला किया गया है। इसका नाम यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस होगा। हिंदी में इसे एकीकृत पेंशन प्रणाली के नाम से जाना जाएगा।
अब नई पेंशन योजना की खासियत जान लेते हैं। केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बेसिक सैलरी की आधी पेंशन देने का फैसला किया है। नई पेंशन में कर्मचारियों को अंतिम 12 महीने के औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में भुगतान किया जाएगा। यानी अगर कर्मचारी का औसत वेतन 100000 रुपए महीने का है तो पेंशन के रूप में 50000 रुपए का भुगतान किया जाएगा। पेंशन पर महंगाई भत्ता भी दिया जाएगा। रिटायर होने पर कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ भी दिया जाएगा। इस दौरान अतिरिक्त भुगतान भी किया जाएगा।
पेंशनधारी की मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान किया गया है। पेंशन की राशि का 60% भुगतान परिवार को दिया जाएगा। पेंशन के लिए वेतन से 10% की कटौती पहले की तरह होती रहेगी। पेंशन फंड में सरकार का अंशदान 18.5% हो जाएगा। नई पेंशन का लाभ लेने के लिए 25 साल नौकरी का होना जरूरी है। अगर कर्मचारी 10 साल बाद भी नौकरी छोड़ देता है तो न्यूनतम 10000 रुपए पेंशन दिया जाएगा। नई पेंशन योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
नई पेंशन योजना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री का कहना है कि नई पेंशन योजना सरकारी कर्मचारी का भविष्य सुरक्षित करने वाला कदम है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के कर्मचारी के लिए नई पेंशन योजना लाई गई है। प्रदेश की सरकारें भी इसे लागू कर सकती हैं। कर्मचारी संगठन राज्य सरकारों पर नई पेंशन लागू करने के लिए दबाव बनाएंगे। इससे सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, लेकिन बुढ़ापे में कर्मचारी को आर्थिक सहायता मिलेगी।