बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी निवेश का सबसे सरल और प्रचलित विकल्प है। बड़ी संख्या में लोग बैंकों में एफडी कराते हैं, लेकिन आपको पता होना चाहिए की एफडी पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री है या टैक्स देना पड़ता है। आपको बता दें कि एफडी के ब्याज पर टैक्स की कटौती की जाती है। आयकर विभाग यह कटौती करता है।
एफडी पर टैक्स फ्री ब्याज कितना है। टैक्स की कटौती से बचने के लिए क्या करना चाहिए। आज के आर्टिकल में सब कुछ बताया जाएगा। अगर आपको एफडी पर एक वित्तीय वर्ष में 40000 रुपए से कम ब्याज मिलता है। तो चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि 40000 रुपए से कम एफडी पर ब्याज मिलने की स्थिति में टीडीएस की कटौती नहीं की जाती है। सीनियर सिटीजन के लिए 50000 रुपए का ब्याज टैक्स फ्री है। अर्थात अगर 1 साल में एफडी पर 40000 रुपए से कम ब्याज मिलता है तो टैक्स की कटौती नहीं की जाएगी। 40000 रुपए से ज्यादा के ब्याज पर 10% की टीडीएस के रूप में कटौती की जाएगी। अगर आपने बैंक खाते में अपना पैन कार्ड नहीं दिया है तो यह कटौती 20% के हिसाब से की जाएगी।
अगर आपके एफडी पर मिलने वाले ब्याज में से टैक्स की कटौती कर ली गई है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप इस राशि को आइटीआर रिफंड क्लेम करके प्राप्त कर सकते हैं। एफडी पर टीडीएस की कटौती से बचने के लिए बैंक के पास फार्म 15g/15s भरकर जमा कर सकते हैं। आपको सलाह दी जाती है कि कोशिश करें कि एक बैंक में एफडी पर मिलने वाला सालाना ब्याज 40000 रुपए से कम हो। ऐसा करके आप टैक्स की कटौती से बच सकते हैं।