लोकसभा, विधानसभा और अन्य चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू की जाती है। आखिर आदर्श चुनाव आचार संहिता होती क्या है। इसके तहत क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं। आज विस्तार से बताया जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है। जो साफ-सुथरे स्वच्छ ढंग से निर्वाचन संचालन के लिए स्वस्थ एवं शांतिपूर्ण वातावरण को विकसित करती है। सभी पार्टियों के लिए समान कार्य क्षेत्र प्रदान करती है।
आदर्श आचार संहिता लागू होते ही राजनीति में सक्रिय एवं वर्तमान में उम्मीदवार प्रभावी व्यक्तियों के साथ, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री एवं अन्य राजनैतिक व्यक्तियों के पोस्टर और बैनर हटा दिए जाते हैं। पूर्व राष्ट्रीय नेता, कवि, प्रमुख ऐतिहासिक व्यक्ति, राष्ट्रपति और राज्यपालों के पोस्टर और बैनर को नहीं हटाया जाता है। उम्मीदवार अपनी या देवी-देवताओं आदि की मूर्तियों के चित्र युक्त डायरी, केलेण्डर, स्टीकर्स का वितरण नहीं कर सकते। निजी परिसरों, संपत्तियों पर पोस्टर, बैनर, दीवार लेखन के लिए परिसर के स्वामी की लिखित अनुमति आवश्यक है, जिसे रिटर्निंग अधिकारी या उक्त कार्य के प्रायोजनार्थ पदाभिहित अधिकारी को 3 दिवस के अंदर प्रस्तुत की जानी चाहिए।
मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व प्रिंट मीडिया पर प्रकाशित विज्ञापनों का प्रमाणीकरण आवश्यक है। मतदान समाप्ति से पूर्व अंतिम 48 घंटों में बल्क एसएमएस पर प्रतिबंध रहेगा। आपत्तिजनक संदेशयुक्त एस.एम.एस. का सोशल मीडिया पर प्रेषण निषिद्ध है। किसी भी व्यक्ति को मतदान केन्द्र की 100 मीटर की परिधि में और मतदान के भीतर मोबाइल फोन, कार्डलेस फोन, वायरलेस सेट आदि ले जाने की अनुमति नहीं है।
मतदान समाप्ति के समय से 48 घंटे पूर्व से जनसभाएं करना, लाउडस्पीकर का उपयोग, रैली आयोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है। प्रचार वाहनों पर डी.जे. का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। मुख्य पोशाक साड़ी, शर्ट, राजनैतिक दल अथवा अभ्यर्थी द्वारा आपूर्ति एवं वितरण किया जाना प्रतिबंधित है।
प्रचार सामग्री परिवहन व स्थापित करने हेतु बाल श्रमिकों (14 वर्ष से कम) का उपयोग नहीं किया जायेगा। सरकारी कर्मचारी, राजनैतिक गतिविधियों में भाग नहीं ले सकते। वे निर्वाचन अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता, गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नहीं कर सकते। उनको निर्वाचन प्रचार अभियान के दौरान जनसभा में उपस्थित नहीं होना चाहिए- अपवाद, कानून व्यवस्था तथा सुरक्षा व्यवस्था में लगे अधिकारी।
यूपीएससी, एस.एस.सी., राज्य पी.एस.सी.या किसी अन्य सांविधिक प्राधिकरण के माध्यम से नियमित भर्ती या नियुक्ति या पदोन्नति जारी रह सकती है। असांविधिक निकायों के माध्यम से भर्तियों के लिये आयोग की पूर्व स्वीकृति अपेक्षित होगी। निर्वाचन की घोषणा के बाद अधिकारी, कर्मचारियों को स्थानांतरित नहीं किया जायेगा। मतदान दिवस को तथा मतदान समाप्ति के 48 घंटे की अवधि के दौरान शराब की बिक्री नहीं जायेगी। इसे किसी को नहीं दिया जायेगा, इसका वितरण नहीं किया जायेगा। मद्यपान निषेध दिवस घोषित किया जाएगा।