मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि कमलनाथ कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। जीतू पटवारी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। पार्टी के फैसले से कमलनाथ नाराज हैं। कांग्रेस की बैठकों से दूरी बना रहे हैं। अपने आप को छिंदवाड़ा तक सीमित कर लिया है। इस बीच भाजपा नेताओं से मेल मुलाकात का सिलसिला जारी है। पिछले दिनों में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव समेत भाजपा के कई सीनियर नेताओं से मुलाकात की है।
इसबीच हिंदुत्व के तरफ कमलनाथ का झुकाव बढ़ा है। छिंदवाड़ा में प्रदीप मिश्रा और धीरेंद्र शास्त्री की कथा के बाद राम उत्सव भी मनाया गया है। कमलनाथ ने पिछले दिनों छिंदवाड़ा में कहा था। कोई किसी पार्टी से बंधा हुआ नहीं है। कमलनाथ के इस बयान से अटकलों को बल मिला है। हालांकि भाजपा में शामिल होने से कमलनाथ ने इनकार कर दिया है। कमलनाथ का कहना है कि यह सिर्फ अफवाह है। दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि वह कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले हैं। भाजपा में जाने की खबरें पूरी तरह से निराधार हैं।
फिर भी मध्य प्रदेश की राजनीति में कमलनाथ सुर्खियां बटोर रहे हैं। कहा जा रहा है कि कमलनाथ के साथ उनके सांसद बेटे नकुलनाथ भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस के और दिग्गज नेता भी पार्टी छोड़ सकते हैं। कांग्रेस से नाराज नेता भाजपा से नजदीकी बढ़ा रहे हैं। भाजपा में शामिल होने का फार्मूला क्या होगा, इस पर मंथन चल रहा है। दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने छिंदवाड़ा में बड़ा बयान दिया था, उन्होंने कहा था कि भाजपा में आने के कमलनाथ के सारे रास्ते बंद हैं।
नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि भाजपा एक संगठित पार्टी है। भाजपा से जुड़कर लोग समाज के लिए बेहतर काम कर सकते हैं। ऐसे सभी लोगों का पार्टी में स्वागत हैं। कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ भी इनमें से एक हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने का फायदा किसे मिलेगा। आपको बता दें कि अगर कमलनाथ भाजपा में जाते हैं तो सबको फायदा हो सकता है।
अभी कांग्रेस में कमलनाथ की जिम्मेदारी तय नहीं है, कमलनाथ सिर्फ विधायक हैं। भाजपा में जाने के बाद उन्हें कोई बड़ा पद ऑफर किया जा सकता है। केंद्र में बड़ा मंत्रालय मिल सकता है। भाजपा को छिंदवाड़ा में फायदा हो सकता है। अभी छिंदवाड़ा में भाजपा के न तो विधायक हैं और न ही सांसद। कमलनाथ के भाजपा में आने के बाद छिंदवाड़ा पर भी भाजपा का कब्जा हो जाएगा, क्योंकि छिंदवाड़ा में लोकसभा के लिए कांग्रेस के पास नाथ परिवार के अलावा कोई दमदार प्रत्याशी नहीं है। अब यह देखना है कि अटकलों में कितना दम है। कमलनाथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होते हैं या नहीं।