पीएम स्वामित्व योजना, जमीन के मालिकों को मिल रहा मालिकाना हक


pm swamitva yojana : देश में सबसे ज्यादा विवाद जमीन को लेकर होते रहते हैं। प्रतिदिन हजारों की संख्या में मामले थाने और कोर्ट में पहुंच रहे हैं। अदालत की कानूनी लड़ाई लंबी होने की वजह से कई लोग परेशान हो जाते हैं। कई बार जमीन के लिए जानलेवा हमले होते हैं। मारपीट में जान भी चली जाती है, फिर भी विवाद सुलझ नहीं पाता है। ऐसे मामलों से निपटने के लिए पंचायती राज मंत्रालय ने पीएम स्वामित्व योजना शुरू की है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के जमीन मालिकों को मालिकाना अधिकार दिया जाता है। यह केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत जमीन की मैपिंग की जाती है। मैपिंग के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाता है। मैपिंग के बाद संपत्ति मालिकों को स्वामित्व कार्ड दिया जाता है। यह कानूनी रूप से वैध और पुख्ता दस्तावेज होता है।

पीएम स्वामित्व योजना के उद्देश्य

पीएम स्वामित्व योजना का संचालन ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है। योजना के तहत भूखंडों का सही दस्तावेज तैयार किया जाता है। संपत्ति विवाद कम करने की कोशिश की जाती है। स्वामित्व कार्ड कानूनी रूप से जमीन का वैध दस्तावेज होता है। इसके माध्यम से बैंकों से आसानी से लोन लिया जा सकता है। वित्तीय लाभ लेने में आसानी हो जाती है। ड्रोन के माध्यम से सर्वे किया जाता है। इससे सटीक मानचित्र का निर्माण किया जाता है। जी आई एस मानचित्र का उपयोग बेहतर गुणवत्ता के साथ उपलब्ध होता है।

स्वामित्व योजना के फायदे

पीएम स्वामित्व योजना के माध्यम से जमीन मालिकों को स्वामित्व या स्वामी कार्ड प्रदान किया जाता है। यह जमीन का कानूनी दस्तावेज होता है। इसके माध्यम से बैंकों से विभिन्न प्रकार का वित्तीय लाभ लिया जा सकता है‌। यह कार्ड आधिकारिक दस्तावेज के रूप में काम करता है।

स्वामित्व योजना की पात्रता

पीएम स्वामित्व योजना का संचालन ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है‌। इस योजना के माध्यम से देशभर के 6 लाख 62 हजार गांवों की जमीन की मैपिंग की जा रही है। जमीन मालिकों को केंद्र सरकार की तरफ से दस्तावेज दिए जा रहे हैं। बड़ी संख्या में जमीन से संबंधित विवादों का निपटारा हो चुका है। इस योजना का विस्तार काफी तेजी से देशभर में किया जा रहा है। पीएम स्वामित्व योजना के तहत कृषि भूमि को कवर नहीं किया जाता है। योजना में रहवासी भूखंड और अन्य ग्रामीण क्षेत्र की जमीनों को शामिल किया गया है।

स्वामित्व योजना के लिए आवेदन

पीएम स्वामित्व योजना के लिए ऑफलाइन माध्यम से आवेदन करना होता है। सबसे पहले सर्वे की अनुमति लेनी होती है। ग्राम सभा का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जाता है। सर्वेक्षण की पद्धति से सबको अवगत कराया जाता है। संपत्ति की पहचान और उसका अंकन किया होता है। सरकारी जमीन, ग्रामसभा की जमीन, व्यक्तिगत जमीन, सड़कें और अन्य जानकारियां इकट्ठा की जाती हैं। इसके बाद संपत्ति का चित्रण किया जाता है। सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सर्वेक्षण क्षेत्र को अंतिम रूप प्रदान किया जाता है। ग्राम सभा में सार्वजनिक सूचना चस्पा की जाती है, फिर ड्रोन उड़ाने की अनुमति मिलती है।


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