पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता देने के लिये पी.एम. विश्वकर्मा योजना शुरू की गई है। योजना में टूल किट खरीदने के लिये 15 हजार रूपये का अनुदान मिलेगा। साथ ही पहली बार में एक लाख और दूसरी बार में 2 लाख रूपये का सस्ता ऋण मिलेगा। प्रारंभिक प्रशिक्षण 5 से 7 दिन का और 15 दिन का एडवांस प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान 500 रूपये प्रतिदिन भत्ता भी मिलेगा। प्रशिक्षण के बाद सर्टिफिकेट भी मिलेगा। प्रशिक्षण के लिये हितग्राहियों के चयन की प्रक्रिया जारी है। एक परिवार से एक ही को लाभ मिलेगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना में कारीगर बढ़ई, सुनार, गुडिया और खिलौना निर्माता, नाव निर्माता, कुम्हार, नाई, अस्त्रकार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला), माला निर्माता (मालाकार), लोहार, मोची (चर्मकार)/ जूता कारीगर, धोबी, हथौड़ा, टूल किट निर्माता, राजमिस्त्री, दजी, ताला बनाने वाला, टोकरी, चटाई, झाडू निर्माता कॉयर बुनकर और मछली पकडऩे का जाल निर्माता शामिल है।
मध्यप्रदेश में संकल्प योजनान्र्गत यूएन-वूमेन एवं मध्यप्रदेश कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के बीच आदिवासी बहुल जिलों में बालिकाओं को तकनीकी शिक्षा देने के उद्देश्य से एमओयू हुआ। इसका लक्ष्य बालाघाट, मंडला, डिण्डौरी और छिंदवाड़ा सहित 12 आदिवासी बहुल जिलों में एक हजार बालिकाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण मिलेगा।