भव्य श्री राम मंदिर अयोध्या की खासियत जानकर हैरान हो जाएंगे आप



अयोध्या में श्री राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ने मंदिर की विशेषता सार्वजनिक की है। भव्य मंदिर के बारे में पढ़कर आपको अयोध्या जाने का मन करेगा। भगवान श्री राम का मंदिर तीन मंजिला बनाया गया है। मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है। गर्भ गृह में प्रभु श्री राम विराजमान है, जबकि पहली मंजिल पर श्रीराम का दरबार है। 

राम मंदिर में नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप बनाए गए हैं। मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर देवी देवताओं की प्रतिमा उकेरी गई हैं। सिंह द्वारा से मंदिर में प्रवेश मिलेगा। 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंह द्वारा तक पहुंचना होगा। मंदिर के चारों तरफ आयताकार परकोटा बनाया गया है। दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मंदिर के पास प्राचीन सीताकूप है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीर्थयात्री सुविधा केंद्र बनाया गया है, जिसकी क्षमता 25000 है। यहां पर श्रद्धालुओं के लिए लाॅकर और इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 

श्री राम का मंदिर नगर शैली में बनाया गया है। मंदिर की लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। मंदिर का निर्माण तीन मंजिला किया गया है। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फिट है। श्री राम मंदिर में कुल 44 दरवाजे हैं। 392 खंभे बनाए गए हैं। प्रभु श्री राम के गर्भगृह में बचपन की प्रतिमा लगाई गई है, जबकि पहली मंजिल पर श्री राम का दरबार है। पांच मंडप बनाए गए हैं। मंदिर की दीवारों पर देवी देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। मंदिर में पूर्व दिशा से प्रवेश किया जा सकता है। 32 सीढ़ियां चढ़ने के बाद मंदिर के दरवाजे तक पहुंचा जा सकता है। दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए रैंप और लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 

मंदिर के चारों तरफ 732 मी लंबा और 14 फीट चौड़ा आयताकार परकोटा मनाया गया है। श्री राम मंदिर के चारों कोनों पर चार मंदिर बनाए गए हैं। इनमें सूर्य देव, देवी भगवती, गणेश भगवान और शिवजी का मंदिर शामिल है। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा का मंदिर, जबकि दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर है। मंदिर के पास ही ऐतिहासिक कुआं है, जिसका नाम सीताकूप है। श्री राम जन्मभूमि परिसर में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य, महर्षि विश्वामित्र, निषाद राज, माता शबरी और देवी अहिल्या का मंदिर भी बनाया जा रहा है। श्री राम मंदिर में कहीं भी लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है। ग्रेनाइट से 21 फीट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है। मंदिर परिसर में एक सीवेज प्लांट, फिल्टर प्लांट, फायर स्टेशन और बिजली स्टेशन बनाया गया है। 

मंदिर परिसर में स्नान, वॉशरूम, वॉश बेसिन और नल की सुविधा दी गई है। श्री राम मंदिर का निर्माण भारतीय परंपरा और स्वदेशी तकनीक के उपयोग से किया गया है। श्री राम मंदिर का निर्माण 70 एकड़ में किया गया है। मंदिर परिसर का 70% हिस्सा हरा भरा रखा गया है। मंदिर की भव्यता शब्दों में बयां करना संभव नहीं है। इसलिए भगवान श्री राम का मंदिर देखने एक बात अयोध्या जरूर पधारें।


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