अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस के कई नेताओं को निमंत्रण दिया गया है, लेकिन कांग्रेस के अधिकांश नेताओं ने श्रीराम का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है। कांग्रेस के इस फैसले की मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आलोचना की है। मोहन यादव का कहना है कि कांग्रेस को हिंदू देवी देवताओं पर उंगली उठाने के लिए कीमत चुकानी पड़ेगी। कांग्रेस को अपने पाप के लिए माफी मांगनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और हमारे बीच कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। हमारे बीच सिर्फ वैचारिक लड़ाई है। कांग्रेस को वोट बैंक दिख रहा है। कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।
कांग्रेस ने भाजपा पर किया पलटवार
श्री राम मंदिर को लेकर भाजपा कांग्रेस पर आक्रामक हो गई है। वहीं कांग्रेस बचाव के साथ भाजपा पर धर्म के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि सनातन धर्म को जागृत करने के लिए चार मठों की स्थापना की गई थी। मठों के माध्यम से सनातन धर्म को दिशा दी गई, लेकिन आज आरएसएस और वीएचपी मठों को चुनौती दे रही हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि क्या इसे सनातन धर्म का पालन करने वालों को स्वीकार करना चाहिए। मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता। दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि धर्म को राजनीति और आर्थिक लाभ के लिए बेचा जा रहा है।