राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण और राजस्व अभिलेख में त्रुटियों को ठीक करने के उद्देश्य से प्रदेश में राजस्व महाअभियान संचालित किया जा रहा है। राजस्व महाअभियान 15 जनवरी से 29 फरवरी 2024 तक संचालित किया जायेगा। अभियान की गतिविधियों के संबंध में समस्त कलेक्टर्स को निर्देश जारी कर दिये गये हैं। प्रमुख सचिव राजस्व निकुंज श्रीवास्तव ने बताया कि महाअभियान का उद्देश्य राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण, नये राजस्व प्रकरणों को आरसीएमएस पर दर्ज कराना, नक्शे पर तरमीम, पीएम किसान का सेचुरेशन एवं समग्र का आधार से ई-केवाईसी और खसरे की समग्र आधार से लिंकिंग सहित आमजन की राजस्व से संबंधित समस्याओं का निराकरण करना है।
प्रमुख सचिव श्रीवास्तव ने बताया कि महाअभियान में आयोजित की जाने वाली गतिविधियों में राजस्व रिकॉर्ड का वाचन, समग्र ई-केवाईसी और समग्र से खसरे की लिंकिंग, आरसीएमएस पर प्रकरण दर्ज कराना, आरसीएमएस पर लंबित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण, उत्तराधिकार नामांकन, सीमांकन, नक्शे में तरमीम किया जाना शामिल है।
राजस्व महाअभियान में राजस्व रिकॉर्ड के वाचन के लिये पटवारी पूर्व निर्धारित समय-सारणी के अनुसार गांव में खसरा, बी-1 का वाचन करेंगे। समग्र ई-केवाईसी और समग्र से खसरे की लिंकिंग के लिये समग्र वेब पोर्टल एमपी ऑनलाइन/सीएसई के कियोस्क के माध्यम से समग्र में आधार की ई-केवाईसी कराने की सुविधा नागरिकों को निशुल्क उपलब्ध रहेगी।
आरसीएमएस पर प्रकरण दर्ज कराने के लिये नागरिकों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये लोकसेवा केन्द्र के अतिरिक्त अब एमपी ऑनलाइन और सीएसई के कियोस्क के माध्यम से भी आरसीएमएस पर प्रकरण दर्ज कराये जा सकेंगे। राजस्व अधिकारियों द्वारा 31 दिसम्बर, 2023 की स्थिति में समय-सीमा पार कर चुके लंबित प्रकरणों को चिन्हांकित किया जायेगा और न्यायालय में नियमित सुनवाई आयोजित कर नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती के प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा।
उत्तराधिकार नामांतरण में स्पष्ट किया गया है कि रिकॉर्ड में दर्ज ऐसे भू-स्वामी, जिनकी मृत्यु काफी समय पहले हो चुकी है, परंतु उनके उत्तराधिकारियों के पक्ष में नामांतरण का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है, महाअभियान में उत्तराधिकार नामांतरण के प्रकरणों को दर्ज कर निराकरण किया जायेगा। चिन्हित प्रकरणों की सीमांकन करने की कार्यवाही महाअभियान में की जायेगी। महाअभियान के दौरान की जाने वाली गतिविधियों की जिला स्तर पर रोजाना समीक्षा होगी। महाअभियान के समन्वय के लिये अपर संचालक मध्यप्रदेश भू-अभिलेख प्रबंधन समिति नमिता खरे को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।