मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किए बड़े फैसले : mohan yadav cabinet meeting



प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) को मंजूरी। विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों में नए आंगनबाड़ी केन्द्र, छात्रावास, बहुउद्देश्यीय केंद्र, सडक़ों और आवास निर्माण को दी गई स्वीकृति। आगर-मालवा में शासकीय विधि महाविद्यालय खोलने को अनुमति। लॉ कॉलेज के लिए 30 नए पद स्वीकृत।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने पीएम-जनमन के तहत विकास कार्यों के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी। विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों के 23 जिलों में नए आंगनबाड़ी केन्द्रों, छात्रावासों, बहुउद्देश्यीय केंद्रों, सडक़ों और आवास निर्माण को भी स्वीकृति दी गई। 194 नए आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने को भी स्वीकृति दी गई। आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण जनजातीय परिवेश आधारित डिजाइन के अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा किया जाएगा। विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों के ऐसे मजरे टोले जिनकी जनसंख्या 100 या अधिक है और जहां आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं है, वहां नए केन्द्र खोले जाएगे।

आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए 15 करोड़ 70 लाख स्वीकृत

आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन पर कुल 15 करोड़ 70 लाख रुपए खर्ज किए जाएंगे। 194 आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन के लिए वर्ष 2023-24 में 1 करोड़ 43 लाख रुपए केंद्र सरकार और 3 करोड़ 93 लाख रुपए प्रदेश सरकार देगी। ं वित्तीय वर्ष 2024-25, 2025-26 में प्रतिवर्ष क्रमश: राशि एक करोड़ 32 लाख रूपये केंद्र एवं राशि रूपये 3 करोड़ 85 लाख रूपये प्रदेश सरकार व्यय करेगी।  इस प्रकार कुल 15 करोड़ 70 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

छात्रावास के लिए 384 करोड़ रूपये स्वीकृति

स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों में छात्रावास खोले जाएंगे। 20 जिलों के 55 स्थानों पर 110 बसाहटों के निकट बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। इस कार्य के लिए कुल 384 करोड़ 6 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई हैं।

आगर-मालवा में खुलेगा लॉ कॉलेज 

आगर-मालवा में शासकीय विधि महाविद्यालय खोला जाएगा। लॉ कॉलेज के लिए शैक्षणिक संवर्ग के 22 तथा गैर शैक्षणिक संवर्ग के 8 यानी कुल 30 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। 

बहुउद्देशीय केन्द्र का होगा निर्माण 

प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य जिलों में बहुउद्देशीय केन्द्र का निर्माण होगा। प्रत्येक केंद्र के निर्माण 60 लाख रूपये की लागत आएगी। निर्माण के लिए शत-प्रतिशत वित्तीय सहायता केंद्र सरकार द्वारा दी जायेगी। प्रत्येक केन्द्र निर्माण के लिए 2200 वर्गफीट भूमि की आवश्यकता होगी। इसमें से 1605 वर्गफीट भूमि पर भवन का निर्माण किया जायेगा। भूमि आवंटन का कार्य जिला कलेक्टर द्वारा किया जायेगा।    

जनजातियों क्षेत्रों में सडक़ का होगा निर्माण

बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजातियों की बसाहट में सडक़ निर्माण कराया जाएगा। 100 लोगों की जनसंख्या वाले गांवों को भी पक्की सडक़ से जोड़ा जाएगा। कुल 981 संपर्क विहिन गांवों में 2403 किलोमीटर लम्बी सडक़ें बनाई जाएंगी। 978 सडक़ों पर 50 पुल भी बनाए जाएंगे।

गरीबों को पक्का मकान दिया जाएगा

पिछड़ी जनजातीय बहुल क्षेत्रों में पक्का मकान बनाए जाएंगे। प्रति हितग्राही आवास निर्माण के लिए 2 लाख रूपये दिये जायेंगे। मनरेगा से अकुशल श्रमिक की 90/95 दिवस के बराबर 27 हजार रूपये की राशि और स्वच्छ भारत मिशन से शौचालय निर्माण के लिये 12 हजार रूपये दिये जायेंगे। इससे प्रदेश में 1 लाख से अधिक परिवार लाभांवित होंगे।

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