हर साल की तरह इस बार भी मकर संक्रांति पर्व के मनाने को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति उत्पन्न हो गई है। आखिर मकर संक्रांति का पर्व किस दिन मनाया जाएगा। किस दिन भगवान सूर्य की आराधना की जाएगी। वर्ष 2022 में 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई गई थी, पिछले कुछ वर्षों से मकर संक्रांति की तिथि को लेकर कन्फ्यूजन रहा है। अलग-अलग ज्योतिषाचार्यों ने विभिन्न प्रकार का मत दिया है। इस साल भी मकर संक्रांति किस दिन मनाई जाएगी, इस पर चर्चा होने लगी है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार जब ग्रहों के राजा धनु राशि से निकाल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो सूर्य की आराधना का पर्व मकर संक्रांति मनाई जाता है। उत्तरायण और दक्षिणायन दोनों की अवधि 6-6 महीने की होती है। जब सूर्य उत्तर दिशा की ओर गमन करते हुए मकर राशि से मिथुन राशि तक भ्रमण करते हैं तो इसे उत्तरायण कहते हैं। जब सूर्य दक्षिण दिशा की ओर से कर्क राशि से धनु राशि तक का भ्रमण करते हैं तो इसे दक्षिणायन कहा जाता है।
सूर्य इस वर्ष 15 जनवरी को उत्तरायण होंगे। 14 जनवरी को सूर्य रात में 2 बजकर 44 मिनट पर धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। अर्थात इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। 15 जनवरी को पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी, कुंभ राशि का चंद्रमा रहेगा। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता के साथ ही भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना की जाएगी।
मकर संक्रांति पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। सोमवार को 5 साल बाद मकर संक्रांति का पर्व है। सोमवार की मकर संक्रांति विशेष फलदायी होती है। रवि योग का भी संयोग बन रहा है। संक्रांति का वाहन अश्व है। इसलिए मकर संक्रांति पर विशेष संयोग का लाभ लेना चाहिए। तिल से निर्मित वस्तुओं का दान करना चाहिए। तिल से बनाए गए व्यंजन का सेवन करना चाहिए। मकर संक्रांति के बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।