मध्य प्रदेश के अधिकारियों की आई शामत, मुख्यमंत्री ने दी चेतावनी



मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एक्शन के मोड में हैं। मुख्यमंत्री का एकमात्र उद्देश्य जनता की सेवा करना है। जनता की सेवा को सीएम डॉ मोहन यादव प्राथमिकता दे रहे हैं। जनता की तकलीफ को अपनी तकलीफ बता रहे हैं। इसलिए जनता के खिलाफ होने वाले अत्याचार को मुख्यमंत्री बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं। 

मध्य प्रदेश की नई सरकार में अधिकारियों की शामत आ गई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि जनता के साथ बदतमीजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अधिकारियों को चेतावनी दी है। किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। ऐसे अधिकारियों को तुरंत हटा दिया जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने कार्यवाही भी की है। लापरवाह अधिकारी हटाए जा रहे हैं। एक दिन पहले ही जबलपुर कलेक्टर को हटा दिया गया है। धान खरीदी में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने जबलपुर के कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन का ट्रांसफर कर दिया है। दीपक सक्सेना को जबलपुर का नया कलेक्टर बनाया गया है। इससे पहले भी सीएम ने कलेक्टरों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की है। 

चालक को औकात दिखाने वाले शाजापुर के कलेक्टर को भी हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया है, जनता उनके लिए सर्वोपरि है। जनता के खिलाफ किसी भी प्रकार की बदतमीजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। रीवा में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने एक बार फिर अधिकारियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि आम जनता के मान सम्मान में कोई अधिकारी बदतमीजी करेगा तो सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार जनता के लिए है। इसलिए अधिकारी भी जनता के हित में काम करें। आपको बता दें कि हड़ताल के दौरान ड्राइवर से औकात पूछने वाले शाजापुर कलेक्टर किशोर को हटा दिया गया था।

मुख्यमंत्री लगातार लापरवाह कलेक्टरों के खिलाफ कार्यवाही कर रहे हैं। अब तक सात आईएएस अधिकारी हटा दिए गए हैं। रीवा संभाग के आयुक्त अनिल सुचारी को हटाया गया है। उनकी जगह गोपाल चंद्र डाड को रीवा संभाग का आयुक्त बनाया गया है। इंदौर कलेक्टर इलैया राजा को भी हटा दिया गया है। भोपाल के कलेक्टर को भी बदल दिया गया है। गुना के कलेक्टर को भी पिछले दिनों हटा दिया गया था। मुख्यमंत्री ने अब तक 7 बड़े अधिकारियों का तबादला किया है। लापरवाही बरतने वाले आईएएस अधिकारियों की शामत आ गई है। अगर मध्य प्रदेश में लापरवाह अधिकारियों ने कार्यशैली नहीं बदली तो उनके खिलाफ अभी और कार्यवाही हो सकती है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है, लापरवाह अधिकारी बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

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