लाड़ली बहना योजना से 1 लाख 75 हजार महिलाओं के नाम गायब



मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना को लेकर बड़ी खबर मिली है। योजना से 175347 महिलाओं के नाम गायब कर दिए गए हैं। आपको बता दें कि लाड़ली बहना योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने की थी। योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1000 रुपए की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया था। बाद में सहायता राशि में 250 रुपए की बढ़ोतरी की गई थी। फिलहाल लाड़ली बहना योजना के तहत 1250 रुपए की राशि हर महीने महिलाओं को दी जा रही है।

शिवराज सिंह चौहान के बाद मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव सरकार ने लाड़ली बहना योजना और पेंशन योजना की राशि जारी कर दी है। नव वर्ष 2024 में लाड़ली बहनों के बैंक खाते में पहली किस्त जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉक्टर मोहन यादव ने एक करोड़ 29 लाख महिलाओं को आर्थिक सहायता दी है। 1576 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। प्रत्येक पात्र महिलाओं को 1250 रुपए दिए गए हैं।  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार लाड़ली बहनों को आर्थिक सहायता दे रही है। पता नहीं क्यों कांग्रेस के लोगों का पेट दुख रहा है। पहले कहते थे, लाड़ली बहनों को राशि नहीं दे सकते। अब राशि दे दी तो कहते हैं, अगली बार नहीं देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बार लाड़ली बहनों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। कांग्रेस के लोग उम्मीद में बैठे रहें।भाजपा पर उंगली उठाते रहे। हम हर बार आर्थिक सहायता देंगे।

योजना की किस्त भले ही जारी कर दी गई हो, लेकिन 2024 में 175347 महिलाओं को राशि नहीं दी गई है। इन महिलाओं के नाम लाड़ली बहना योजना से बाहर कर दिए गए हैं। आपको बता दें कि सितंबर 2023 में पात्र हितग्राही महिलाओं की संख्या एक करोड़ 31 लाख 2182 थी। यही संख्या अक्टूबर 2023 में भी दर्ज की गई, जबकि नवंबर 2023 में 12858 नाम लाड़ली बहना योजना से बाहर कर दिए गए। नवंबर में लाड़ली बहनों की संख्या घटकर एक करोड़ 30 लाख 89324 हो गई। दिसंबर में 4568 नाम और हटा दिए गए। दिसंबर में लाड़ली बहनों की संख्या 1 करोड़ 30 लाख 84756 कर दी गई। जनवरी में 1 लाख 57 हजार 921 महिलाओं के नाम हटाए गए हैं। फिलहाल लाड़ली बहना योजना के पात्र महिलाओं की संख्या 1 करोड़ 29 लाख 26 हजार 835 हो गई है यानी लाड़ली बहन योजना से 1 लाख 75 हजार 347 महिलाओं के नाम हटा दिए गए हैं। 

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि मध्य प्रदेश की लाखों लाड़ली बहनों से झूठ बोलकर भाजपा ने वोट ले लिया। अब 2 लाख बहनों की छटनी कर दी। उमंग ने कहा कि सितंबर में शिवराज सिंह ने लाड़ली बहनों की संख्या 1 करोड़ 31 लाख बताई थी। अब नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने लाड़ली बहनों की संख्या छटनी कर एक करोड़ 29 लाख कर दी है। 2 लाख महिलाओं को लाड़ली बहना योजना से बाहर कर दिया गया है। उमंग का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद यह संख्या और कम होगी। लाड़ली बहना योजना को लेकर लोगों की शंका गलत नहीं है। मुख्यमंत्री के बदलते ही योजना पर तलवार लटक गई है। सरकार भले ही भाजपा की है, लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा बदल गया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब लाड़ली बहनों को भी समझ आ रहा है। भाजपा का चुनावी पाखंड था, जिसका रंग उतारने लगा है।

अब समझते हैं कि लाड़ली बहना योजना से बड़ी संख्या में नाम क्यों हटाए गए हैं। इसकी असली वजह क्या है। क्या इन महिलाओं को अगली किस्त मिलेगी या नहीं मिलेगी। दरअसल सरकार ने स्थिति स्पष्ट की है। सरकार का कहना है कि मृत्यु, लाभ परित्याग, उम्र अधिक होने से पात्रता सीमा से बाहर होने के कारण संख्या में अंतर आ रहा है। सरकार का कहना है कि 154 पात्र महिलाओं की मौत हो गई है। 18136 महिलाओं ने लाभ का त्याग कर दिया है। 804 महिलाओं का बैंक खाता समग्र या आधार से लिंक नहीं है। 1 लाख 56 हजार 253 महिलाएं 60 साल से ऊपर की हो गई हैं। उम्र अधिक होने की वजह से यह महिलाएं अपात्र हो गई हैं। 

सरकार का कहना है की लाड़ली बहना योजना से किसी भी महिला का नाम हटाया नहीं गया है। भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस झूठ की फैक्ट्री चला रही है। झूठ की फैक्ट्री में फेक प्रोडक्ट निकाले जा रहे हैं। आशीष अग्रवाल ने कहा कि पद की गरिमा के अनुसार नेता प्रतिपक्ष जांच पड़ताल कर लेते। लाड़ली बहनों की वास्तविक संख्या पता कर लेते। आशीष अग्रवाल ने कहा कि लाड़ली बहना योजना की सूची में किसी प्रकार की काट छांट नहीं की गई है। न ही किसी हितग्राही को योजना से बाहर किया गया है। महिलाओं की मौत, लाभ का त्याग और उम्र अधिक होने की वजह से लाड़ली बहना योजना की संख्या कम हुई है। आशीष अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस का आरोप भ्रामक है। झूठ फैलाने के लिए नेता प्रतिपक्ष को माफी मांगनी चाहिए। लाड़ली बहना योजना में पात्र महिलाओं की सूची जानने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट करें।


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