pm adarsh gram yojana : पीएम आदर्श ग्राम योजना



ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। करोड़ों रुपए खर्च कर गांवों का विकास किया जा रहा है। केंद्र और प्रदेश सरकारों की प्राथमिकता ग्रामीण क्षेत्रों की दशा और दिशा बदलने पर है। पीएम आदर्श ग्राम योजना 2023 (pmagy) गांव के विकास में चार चांद लगा रही है। योजना के तहत चयनित ग्राम का तेजी से डेवलपमेंट हो रहा है। सफलता को देखते हुए सरकार ने पीएम आदर्श ग्राम योजना 2023 में बड़ा अपडेट किया है। योजना ने ऐसे गांवों को भी शामिल कर लिया गया है, जिन गांवों में 40% आबादी एससी वर्ग की है। पहले 50 फ़ीसदी आबादी वाले ग्राम को ही योजना का लाभ मिल रहा था।

क्या है पीएम आदर्श ग्राम योजना (pm adarsh gram yojana)

पीएम आदर्श ग्राम योजना अनुसूचित जाति वर्ग बाहुल्य गांव में विकास के लिए शुरू की गई है। केंद्र सरकार की इस योजना की शुरुआत वर्ष 2021-22 में की गई थी। योजना के तहत चयनित गांव को सामुदायिक विकास के लिए 21 लाख रुपए की सहायता दी जाती है। इस रकम से उक्त गांव में विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य कराए जाते हैं। इसमें सड़क निर्माण, जल निकासी की बेहतर व्यवस्था, आंगनवाड़ी केंद्रों का विकास, सरकारी स्कूलों में शौचालय का निर्माण, रोड लाइट आदि शामिल हैं। योजना में चयनित गांव का सर्वांगीण विकास किया जाता है। केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि से आदर्श ग्राम मनाया जाता है।

योजना में शामिल गांवों की संख्या (pm adarsh gram yojana)

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले गांवों को शामिल किया गया था, लेकिन योजना में बड़ा वर्ष 2023 में बदलाव करते हुए 40 फ़ीसदी से अधिक जनसंख्या वाले गांवों को भी लाभान्वित किया जा रहा है। 2001 की जनगणना के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक एसी वर्ग वाले गांवों की संख्या 46844 थी। 40 प्रतिशत का दायरा करने पर यह संख्या बढ़कर 75941 हो गई है। 2001 की जनगणना के अनुसार 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या वाले गांवों की संख्या उत्तर प्रदेश में 17429, पश्चिम बंगाल में 10806, राजस्थान में 4917, पंजाब में 4785, ओडिशा में 4523, बिहार में 4429, मध्यप्रदेश में 4157, हिमाचल प्रदेश में 4048, तमिलनाडु में 3818, कर्नाटक में 3800, झारखंड में 2748, उत्तराखंड में 2525, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 2069, छत्तीसगढ़ में 1510, महाराष्ट्र में 1391, असम में 1194, हरियाणा में 838, जम्मू कश्मीर में 702, गुजरात में 112, त्रिपुरा में 69, मणिपुर में 35, पुडुचेरी में 18, मेघालय में 14, दिल्ली में दो और केरल में दो थी।

योजना के संचालन के लिए समितियों का गठन

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का संचालन सुचारू रूप से हो सके इसके लिए केंद्र से ग्राम तक समितियों का गठन किया गया है। इसमें केंद्रीय और राज्य सलाहकार समितियां शामिल हैं। केंद्रीय सलाहकार समिति में केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री को अध्यक्ष बनाया गया है। समिति के सह अध्यक्ष केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री होते हैं। सदस्य-सचिव में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष, नीति आयोग के सदस्य, लोकसभा के 2 एवं राज्यसभा के 1 सांसद, सामाजिक न्याय और अधिकारिता सचिव, मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधि के रूप में योजना आयोग, वित्तीय सेवा विभाग, व्यय विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पेयजल तथा स्वच्छता मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय शामिल हैं।

राज्य स्तरीय सलाहकार समिति

राज्य स्तरीय सलाहकार समिति में अध्यक्ष समाज कल्याण मंत्री होते हैं। सह अध्यक्ष ग्रामीण विकास मंत्री को बनाया जाता है। योजना, पंचायती राज, महिला और बाल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आपूर्ति, गृह, लोक कार्य, सिंचाई, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य विभागों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाता है। सदस्य सचिव राज्य सरकार के प्रधान सचिव और समाज कल्याण होते हैं। इसके अलावा केंद्रीय संचालन सह मानिटरिंग समिति, राज्य संचालन सह मानिटरिंग समिति, राज्य संचालन सह अभिसरण समिति, राज्य पीएमएजीवाई अभिसरण समिति, जिला पीएमएजीवाई अभिसरण समिति, ग्राम पीएमएजीवाई अभिसरण समिति का गठन भी किया गया है।


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