मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट से अतिथि विद्वानों को बड़ी राहत मिली है। लंबे समय से कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे अतिथि विद्वानों कि आखिर जीत हो गई है। मध्य प्रदेश की सरकार कोर्ट में हार गई है।
अब अतिथि विद्वानों को नौकरी से नहीं निकाला जा सकेगा। हाई कोर्ट ग्वालियर की एकल पीठ ने 17 दिसंबर 2019 के उच्च शिक्षा विभाग के आदेश को निरस्त कर दिया है। उच्च शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में कहा था कि कॉलेज में कार्यरत अतिथि विद्वानों को हटाकर नए अतिथि विद्वानों की नियुक्ति की जाए। सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
लंबे समय तक हाई कोर्ट में चली सुनवाई के बाद अतिथि विद्वानों के पक्ष में फैसला आया है। हाई कोर्ट का कहना है कि प्रदेश सरकार पहले से कार्यरत अतिथि विद्वानों को हटाकर नई भर्ती नहीं कर सकती। अगर कॉलेजों में सीटें खाली हैं तो नई भर्ती की जा सकती है। हाई कोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के आदेश को निरस्त कर दिया है। पुराने अतिथि विद्वान अपने पद पर बने रहेंगे।