मध्यप्रदेश शासन के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा म.प्र.स्पेशल एण्ड रेसीडेंशियल एकेडमिक सोसायटी के अंतर्गत इंदौर, उज्जैन, भोपाल, होशंगाबाद, ग्वालियर, मुरैना, सागर, जबलपुर, रीवा और शहडोल में संचालित शासकीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालयों में वर्ष 2024-25 सत्र के लिये कक्षा 6वी में राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिया जायेगा। इन विद्यालयों में अनुसूचित जाति के 36 बालक व 36 बालिकाओं और अन्य वर्गों के गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले 4 बालक व 4 बालिकाओं को प्रवेश दिया जायेगा जिसमें 3 प्रतिशत सीट दिव्यांग विद्यार्थियों के लिये आरक्षित रहेगी। इन सीटों की संख्या परिवर्तनीय है।
gyanodaya vidyalaya admission 2024-25
कक्षा 6वी में प्रवेश के लिये 29 दिसंबर से ऑनलाईन आवेदन पत्र प्राप्त करने का कार्य प्रारंभ होगा तथा आगामी 27 जनवरी 2024 तक ऑनलाईन आवेदन पत्र प्राप्त किये जायेंगे । आवेदक 4 फरवरी तक आवेदन में संशोधन कर सकेंगे और 11 फरवरी को प्रात: 10 बजे से परीक्षा तक प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकेंगे तथा आगामी 18 फरवरी को प्रात: 10 से दोपहर एक बजे तक सभी जिला मुख्यालयों पर परीक्षा होगी । जिले के आवेदक इस राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से कक्षा 6वी में प्रवेश के लिये निर्धारित तिथि व समय तक ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं ।
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सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग सत्येन्द्र सिंह मरकाम ने बताया कि कक्षा 5वीं में अध्ययनरत विद्यार्थी विभागीय वेबसाइट https://www.tribal.mp.gov.in/mptaasc के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस परीक्षा में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थी को किसी भी प्रकार का कोई आवेदन शुल्क अथवा परीक्षा शुल्क देय नहीं है। प्रवेश के लिये प्रत्येक विद्यार्थी कम से कम 3 विद्यालयों में प्रवेश के लिये प्राथमिकता क्रम दे सकता है। विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंक और उनके द्वारा अंकित प्राथमिकता के आधार पर शासकीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय आवंटित किये जायेंगे। मैरिट सूची में चयनित होने और न्यूनतम योग्यता प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अपने विकल्प के अनुसार विद्यालयों में रिक्त सीट के विरूध्द चयन के लिये पात्र होंगे।
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इन विद्यालयों में प्रवेश के लिये विद्यार्थी को मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना चाहिये और प्रवेश लेने के लिये पूर्व की कक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक अथवा समतुल्य ग्रेड प्राप्त होना अनिवार्य है। इन विद्यालयों में शिक्षण और आवासीय सुविधायें नि:शुल्क है और शासन द्वारा निर्धारित दर पर मासिक शिष्यवृत्ति व पोषण आहार भत्ता दिया जाता है जिसके आधार पर नि:शुल्क भोजन व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है।